श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन द्वारा मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022

14-03-22 siteadmin 0 comment

श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस आरी झांसी जो परम श्रद्धेय अनंत विभूषित संत शिरोमणि परम पूज्य श्री रविशंकर जी महाराज “श्री रावतपुरा सरकार” की आध्यात्मिक प्रेरणा तथा उनके सानिध्य तथा संस्थान उपाध्यक्ष श्री जे के उपाध्याय जी जिनके मार्गदर्शन द्वारा संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र को सकारात्कता तथा उसके उत्थान हेतु ख्याति प्राप्त करने को अग्रसर है उनके कुशल मार्गदर्शन में संस्थान प्रबंधक जो संस्थान को हर क्षेत्र में अग्रणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते हैं की अध्यक्षता तथा मुख्य अतिथि डा. नीती शास्त्री जी जो कि अंचल के परम उत्थान के लिये संकल्पबद्ध हैं एक शिक्षाविद् होने के साथ हमारे देश के सम्मानित राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत हैं उनकी गरिमामयी उपस्थिति में तथा विशिष्ट अतिथि डा. ज्योति (एमबीबीएस, (राष्ट्रीय क़ृषि और ग्रामीण विकास बैंक नावार्ड), राजेश सिंह (मानव विकास समाज सेवा समिति झांसी), ग्राम प्रधान आरी श्रीमती नीलम सिंह तोमर जी साथ ही ग्राम आरी,भोजला,बेहटा तथा अन्य ग्राम के महिलाओ के साथ करीला माता स्वयं सहायता समूह (आरी), मां रतनगढ वाली स्वयं सहायता समूह( बेहटा) ,जय शंकर स्वयं सहायता समूह(भोजला),जय भीम स्वयं सहायता समूह(आरी),करौली माता स्वयं सहायता समूह(आरी),जय दुर्गा स्वयं सहायता समूह( आरी),सिद्ध बाबा स्वयं सहायता समूह (आरी),रतनगढ वाली माता स्वयं सहायता समूह (आरी), दुर्गा माता स्वयं सहायता समूह( भोजला), खाती बाबा स्वयं सहायता समूह( भोजला), भोले बाबा स्वयं सहायता समूह(भोजला),शिव मंदिर स्वयं सहायता समूह(भोजला),बजरंगवली स्वयं सहायता समूह(आरी), जय संतोषी माता स्वयं सहायता समूह(आऱी) के समस्त सदस्या की उपस्थति में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 का भव्य आयोजन किया गया ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 का आयोजन भव्य रूप से संस्थानिक छात्र छात्राओ तथा आरी ग्राम की महिलाओ के साथ किया गया जिसमें कि कार्यक्रम का शुभारंभ देव पूजन तथा दीप प्रज्ज्वलन करके मुख्य अतिथि महोदया डा. नीती शास्त्री जी,डा.ज्योति जी, श्री राजेश सिंह जी तथा ग्राम प्रधान आरी श्रीमती नीलम तोमर द्वारा देवपूजन मंत्र आदि के उच्चारण या देवी सर्वभूतेषु स्त्रीरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:, के मंत्रोच्चारण से किया गया तत्पश्चात कार्यक्रम को संबोधित तथा आतिथ्य सत्कार हेतु अतिथि महोदया तथा स्वयं सेवा समूह के पदेन सदस्यो का तिलक चंदन और माल्यार्पण करके उन्हें पुष्प गुच्छ, संस्थानिक स्मृति चिह्न भेंट करके किया गया इसी के साथ ही स्वागत गीत का आयोजन संस्थानिक छात्राओ द्वारा किया गया जिसके उपरांत कार्यक्रम को गति प्रदान तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व तथा संस्थानिक परिचय हेतु संस्थानिक मुख्य प्रशासनिक महोदय जी द्वारा सभा को संबोधित किया गया जिसमें सर्वप्रथम उन्होने संस्थानिक उद्देश्य तथा साथ ही नारी शक्ति को प्रणाम करते हुये महिला दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की उसके बाद उन्होने कहा कि आज सबसे ज्यादा महिला सशक्तिकरण की बातें होंगी। लेकिन महिला सशक्तीकरण क्या है यह कोई नहीं जानता। महिला सशक्तीकरण एक विवेकपूर्ण प्रक्रिया है। हमने अति महत्वाकांक्षा को सशक्तिकरण मान लिया है। मुझे लगता है महिला दिवस का औचित्य तब तक प्रमाणित नहीं होता जब तक कि सच्चे अर्थों में महिलाओं की दशा नहीं सुधरती। वास्तविक सशक्तीकरण तो तभी होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी और उनमें कुछ करने का आत्मविश्वास जागेगा मनुस्मृति में स्पष्ट उल्लेख है कि जहां स्त्रियों का सम्मान होता हैवहां देवता रमण करते हैं, वैसे तो नारी को विश्वभर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है किंतु भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में देखें तो स्त्री का विशेष स्थान सदियों से रहा है। फिर भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्तमान में यदि खुलेमन से आकलन करें तो पाते हैं कि महिलाओं को मिले सम्मान के उपरांत भी ये दो भागों में विभक्त हैं। एक तरफ एकदम से दबी, कुचली, अशिक्षित और पिछड़ी महिलाएं हैंतो दूसरी तरफ प्रगति पथ पर अग्रसर महिलाएं कई मामलों में तो पुरुषों से भी आगे नई ऊंचाइयां छूती महिलाएं हैं। जहां एक तरफ महिलाओं के शोषण, कुपोषण और कष्टप्रद जीवन के लिए पुरुष प्रधान समाज को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वहीं यह भी कटु सत्य हैकि महिलाएं भी महिलाओं के पिछड़नेके लिए जिम्मेदार हैं। यह भी सच हैकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों ने ही स्त्री शक्ति को अधिक सहज होकर स्वीकार किया है, न सिर्फ स्वीकार किया अपितु उचित सम्मान भी दिया, उसे देवी माना और देवी तुल्य मान रहा है, जिसकी कि वह वास्तविक हकदार भी हैं हमें सिर्फ इतनी सी बात समझनी है कि नारी की प्रतिभा, दक्षता, क्षमता, अभिरूचि और रूझान को पहचानना है, ईश्वर ने नारी को जिन गुणों से नवाजा है उन्हें निखारना है। यंत्रवत कार्य करने के बजाय उसकी रूचि तथा उसके नवीन आयाम स्थापित करने में हमें भरसक उसका समर्थन देना है जिससे हमारा राष्ट्र अति अग्रणी आयाम स्थापित करने में सफल हो तथा हम सब उसके भागीदार बनें। इसी के साथ मुख्य अतिथि महोदया डा. नीती शास्त्री ने सभा को महिला दिवस के अवसर पर उन्हें संबोधित करते हुये कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है, हर साल दुनिया भर में यह दिन 8 मार्च को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं को समर्पित है, आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियों से भरा हुआ है। ये दिन इन्हीं उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इसके अलावा इन दिन का मकसद महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाना भी है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके और वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें। साथियों! आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं। हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं। लेकिन कई बार उन्हें समाज में लैंगिक असमानता का व्यवहार झेलना पड़ता है। ऐसे में इस दिन महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 जिसकी थीम है – जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है। मैं मानती हूं कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि आज भी कई जगहों पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है कन्या भ्रूण हत्या के मामले आज भी आते हैं। महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा यह कत्तर्व्य है हम महिलाओं की स्थिति समाज में बेहतर बनाने को लेकर प्रयासरत रहने का संकल्प लें शांति, न्याय, समानता और विकास के अपने संघर्ष को याद करने के लिए देश भर की महिलाएं विभिन्न सांस्कृतिक और जातीय समूहों से सभी सीमाओं को पार करती हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सभी को आत्म-महसूस करने और क्षमता के अनुसार लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में है । इसके अलावा, महिलाओं को एक जबरदस्त सुधार करने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में सभी बाधाओं को पार करने का साहस जुटाना चाहिए। यह समाज में एक सामान्य मिथक है कि महिलाओं से संबंधित मुद्दे कोई बड़ी बात नहीं हैं। कई लोगों का मानना है कि समाज में लिंग अंतर मौजूद नहीं है और व्यक्तियों द्वारा किए गए प्रयास पर्याप्त नहीं हैं और लिंग अंतर में कोई बदलाव नहीं ला सकते हैं. महिला दिवस समाज को यह एहसास दिलाने के बारे में है कि प्रत्येक व्यक्ति को अलग तरीके से काम करना होगा और समाज को बेहतर भविष्य की ओर बदलना होगा। कार्यक्रम को नृत्य तथा गायन के माध्यम से लोगो को और अधिक रोचकता प्रदान करने के लिये संस्थान की छात्राओ द्वारा नृत्य गायन तथा कुछ सामाजिक परिवर्तन तथा उसके उत्थान हेतु नाटक का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन संस्थानिक शिक्षा संकाय की प्राचार्या द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए कुछ करने का अर्थ यह नहीं कि कुछ अलग और खास करें। आप अपने आस-पास कि महिलाओं से ठीक से पेश आएं, उन्हें सम्मान दें, उनके विचारों को भी तवज्जोह दें। वह महिला आपकी माता, बहन, पत्नी, सहकर्मी कोई भी हो सकती है। हमारे देश कि तरह विश्व के कई देशों में महिलाओं कि स्थिति अच्छी नहीं है और उन्हें बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए, सब को अपना योगदान देना होगा और यह तभी मुमकिन है जब हम स्वयं उसका सीधा उदाहरण बनें इसी के साथ मैं मुख्य अतिथि महोदया तथा ग्राम आरी की सम्मानित महिलाओ से आगें भी यहीं आकांक्षा करती हूं कि आप लोगो की उपस्थति में जिस प्रकार सकुशल कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ आप समय समय पर संस्थान में आकर के हमें मार्गदर्शन प्रदान करते रहें। इसी के साथ कार्यक्रम में संस्थान में संचालित बी.फार्म ,डी. फार्म. , बी.एड., डीएलएड, बी.ए. तथा आई.टी.आई. के प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, स्टॉफ तथा छात्र- छात्रायें तथा ग्रामीणजन आदि उपस्थित रहें ।



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