श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स आरी झाँसी , में हुआ अंतराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन

21-06-22 siteadmin 0 comment

झांसी क्षेत्र के उत्कृष्ट शिक्षा के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित करने वाले संस्थान श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस आरी झांसी में परम श्रद्धेय अनंत विभूषित संत शिरोमणि परम पूज्य श्री रविशंकर जी महाराज “श्री रावतपुरा सरकार” की आध्यात्मिक प्रेरणा से तथा संस्थान उपाध्यक्ष श्री जे.के. उपाध्याय जी तथा तथा मुख्य प्रभारी उ.प्र. एवं म.प्र. राज्य श्री मुकेश कुमार श्रीवास्तव जी जिनके मार्गदर्शन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान ख्याति प्राप्त करने को अग्रसर है, उनके सानिध्य में संस्थान प्रबंधक जो संस्थान को हर क्षेत्र में अग्रणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते हैं की अध्यक्षता में संस्थान के मुख्य प्रागंण के सभागार में अंतराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में योग प्रशिक्षक डा.रमेश चंद्र कुशवाहा जी ( योग बेलनेस सेंटर बड़ागांव ) रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ नित्य की भांति देव पूजन तथा देव के चरणकमल में पुष्पांजलि अर्पण तथा दीप प्रज्जवलन के साथ देव स्तुति का गायन संस्थान की छात्राओ द्वारा किया गया, संस्थान की कार्यशैली अनुसार आतिथ्य सत्कार तथा अतिथि के तिलक आदि के द्वारा किया गया ।कार्यक्रम को गति प्रदान करने की श्रंखला में संस्थान प्रबंधक जी ने छात्र छात्राओ तथा स्टाफ को संबोधित करते हुये संस्थानिक परिचय दिया तथा उसके बाद योग दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये उन्होने कहा कि योग की कला का जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था। इस पहल के माध्यम से भारतीय प्रधान मंत्री हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए इस अनोखे उपहार को प्रकाश में लाना चाहते थे। उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव दिया था। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि योग दिवस 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है। यूएनजीए के सदस्यों ने मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया और जल्द ही इसके लिए सकारात्मक मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भारत के प्रधान मंत्री श्री मोदी और कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने राजपथ पर उत्साह के साथ यह दिन मनाया।
कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुये मुख्य अतिथि महोदय जी ने संस्थानिक छात्र छात्राओ तथा स्टाफ को संबोधित करते हुये अंतराष्ट्रीय योग दिवस की महत्ता का वर्णन करते हुये योग के इतिहास तथा उसके उदगम को बताते हुये कहा कि भारतीय पौराणिक युग से योग की जड़े जुडी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया। शिव, जिन्हें आदि योगी के रूप में भी माना जाता है, को दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है। सामान्यत तौर पर यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5000 साल पहले इस शानदार कला की शुरूआत की थी। ऋग्वेद में पहली बार इस अवधि का उल्लेख किया है। हालांकि योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पन्तजलि द्वारा की गई है। योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है। इसी के साथ मुख्य अतिथि डा. रमेश चंद्र कुशवाहा जी ने संस्थानिक छात्र छात्राओ तथा स्टाफ को योग कार्यक्रम का आयोजन करके सूर्य नमस्कार मंत्रोच्चारण के साथ किया तथा उससे होने वाले लाभ को बताया उन्होने कहा कि सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया है यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। मानव शरीर की सरंचना ब्रम्हांड की पंच तत्वों से हुआ है। और इसे (शरीर रूपी यंत्र) सुचारू रूप से गतिमान स्नायु तंत्र करता है। जिस व्यक्ति के शरीर में स्नायुविक तंत्र जरा सा भी असंतुलित होता है वो गंभीर बीमारी की ओर अग्रसर हो जाता है। “सूर्य नमस्कार” स्नायु ग्रंथि को उनके प्राकृतिक रूप में रख संतुलित रखता है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है। जिसके पश्चात उन्होने कई आसन जिसमे धनुर आसन, ताड़ासन, शुखासन, भुजंग आसन, अनुलोम विलोम कपाल भांति के साथ साथ ध्यान योग के माध्यम से मन को शांत करना सिखाया तथा उनसे होने वाले लाभ के बारे में वृत्तान्त से बताया जिसके पश्चात उन्होने कहा कि योगासन स्वयं को रोगो से मुक्त करता हैं ।
कार्यक्रम के सकुशल संचालन तथा आंगतुक को सप्रेम आभार समर्पण की श्रंखला में सर्वप्रथम प्रबंधक जी ने माननीय मुख्य अतिथि तथा अन्य सम्मानित आंगतुको जी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आपने अपना अमूल्य समय निकालकर संस्थान के कार्यक्रम को सकुशल बनाने हेतु अपना समय दिया संस्थान आपका सदैव ऋणी रहेगा तथा श्री रावतपुरा सरकार परिवार के प्रतिनिधि के तौर पर मैं आपसे निवेदन करूंगा कि संस्थानिक गतिविधियों ,कार्यक्रम में आप आंगे भी अपना मार्गदर्शन संस्थान को देते रहे जिससे संस्थान नित्य नये आयाम स्थापित करने में अग्रणी हो । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये मा. प्रबंधक जी ने उपस्थित शिक्षा संकाय, फार्मेसी संकाय तथा आई.टी.आई. संकाय के स्टॉफ तथा छात्र छात्राओ का आभार व्यक्त किया।



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