श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इन्सटीट्यूशंस झांसी में हुआ हिंदी दिवस का भव्य आयोजन (14-09-24)
आज श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूट झांसी में संस्थान के फार्मेसी संकाय प्रागंण में हिंदी दिवस का भव्य आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम देव पूजन तथा राष्ट्रगान करके किया गया जिसके उपरांत संस्थान प्रबंधक डॉ सत्येंद्र प्रताप सिंह जी ने छात्रो को संबोधित करते हुये हिंदी दिवस की महत्ता का वर्णन करते हुये उन्होने कहा कि देवनागरी लिपि में लिखी गई इंडो-आर्यन भाषा हिंदी को 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी. यह भारतीय गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 में इसकी शुरुआत की थी और हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था, धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति की इन विविधताओं के फासलों को हिंदी खत्म कर देती है। हिंदी ही है तो अलग अलग क्षेत्रों की लोगों के दिलों की दूरियों को मिटाती है और सभी को एकता के सूत्र में बांधे रखती है। जिसके पश्चात संस्थान प्रबंधक, शिक्षा संकाय प्राचार्य, फार्मेसी प्राचार्य, तथा आईटीआई प्राचार्य जी ने संस्थान में अध्ययनरत छात्र छात्राओ के मनोरंजन तथा आज के दिवस को अविस्मरणीय बनाने के लिये एक क्विज के आयोजन की घोषणा जिसके उपरांत शिक्षा संकाय प्रांगण में संपूर्ण नियमों का पालन करते हुये क्विज के आयोजन किये गये जिसमें सुभद्रा कुमारी चौहान टीम, मैथली शरण गुप्त टीम, वृंदावन लाल बर्मा टीम, महादेवी बर्मा टीम के कुल 24 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया जिसमें प्रत्येक टीम में 6 छात्र रहें । सपूर्ण क्विज में जनरल क्विज राउंड, बजर राउंड, डम्शराज राउंड,दोहा पूर्ति राउंड, पहचान कौन राउंड, निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ संपूर्ण राउंड में सुभद्रा कुमारी चौहान टीम ( सदस्य भरत कुमार, भोला, ऋषि, नितेश, गोविंद प्रसाद एवं कल्पित ) विजयी रही साथ ही निबंध लेखन प्रतियोगिता में भरत कुशवाहा विजयी रहे । जिसके उपरांत संस्थान प्रबंधक जी ने उक्त विजयी छात्रो को जीत की शुभकामनायें प्रेषित की
कार्यक्रम के कुशल आयोजन हेतु फार्मेसी संकाय प्राचार्य डा.सीमांत शर्मा जी ने आभार व्यक्त करते हुये सभी को स्वेदशी भाषा से आत्मीय लगाव के महत्व का वर्णन किया तथा साथ ही उपस्थित समस्त स्टाफ के सहयोग तथा समस्त छात्र छात्राओ का आभार व्यक्त किया ।