श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन द्वारा मनाया गया सशस्त्र सेना झंडा दिवस कार्यक्रम 2021

10-12-21 siteadmin 0 comment

झांसी क्षेत्र के उत्कृष्ट शिक्षा के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित करने वाले संस्थान श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस आरी झांसी में परम श्रद्धेय अनंत विभूषित संत शिरोमणि परम पूज्य श्री रविशंकर जी महाराज “श्री रावतपुरा सरकार” की आध्यात्मिक प्रेरणा से तथा संस्थान उपाध्यक्ष श्री जे के उपाध्याय जी जिनके मार्गदर्शन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान ख्याति प्राप्त करने को अग्रसर है उनके सानिध्य में संस्थान प्रबंधक जो संस्थान को हर क्षेत्र में अग्रणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते हैं की अध्यक्षता में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कार्यक्रम 2021 को संस्थानिक छात्र छात्राओ के साथ मनाया गया जिसमें कि कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के प्रबंधक,शिक्षा संकाय प्राचार्य,फार्मेसी प्राचार्य,आईटीआई प्राचार्य के द्वारा दीप प्रज्जवल्लन करके किया गया कार्यक्रम में छात्रो को संबोधित करते हुये प्रबंधक जी ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे सैनिक दिन-रात एक कर अपना कर्तव्य निभाते हैं. लेकिन कई बार देश की सुरक्षा में सैनिकों को अपने प्राणों की भी आहुति देनी पड़ती है. ऐसे में इन सैनिकों के घरवालों के दर्द को समझ पाना बहुत कठिन होता है. एक सैनिक को शहीद होने पर सरकार द्वारा जो पेंशन मिलता है वह उतना नहीं होता जिससे उसका परिवार सही से चल सके. यह बात सरकार भी अच्छी तरह जानती है. इसलिए सरकार ने देश के सैनिकों की मदद करने का अनूठा प्लान सोचा था. सरकार ने साल 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया. देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के कल्याण हेतु सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से होने वाली आय शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च की जाती है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस द्वारा इकट्ठा की गई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च की जाती है.
07 दिसंबर, 1949 से शुरू हुआ यह सफर आज तक जारी है. आजादी के तुरंत बाद सरकार को लगने लगा कि सैनिकों के परिवार वालों की भी जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है और इसलिए उसने 07 दिसंबर को झंडा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. इसके पीछ सोच थी कि जनता में छोटे-छोटे झंडे बांट कर दान अर्जित किया जाएगा जिसका फायदा शहीद सैनिकों के आश्रितों को होगा. शुरूआत में इसे झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन 1993 से इसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस का रूप दे दिया गया इसी के साथ कार्यक्रम में बीएड,डीएलएड,बीए के छात्रो द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन तथा उनके भी वक्तव्य रखे गये कार्यक्रम के कुशल संचालन हेतु हेतु आभार शिक्षा संकाय की प्राचार्या डा. सीमा गुप्ता जी द्वारा दिया गया इस अवसर पर शिक्षा संकाय का स्टाफ तथा सम्पूर्ण छात्र छात्रा उपस्थित रहे।



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