एस.आर.आई. प्रतिभाखोज परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह
आज श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इस्टीट्यूट आरी झाँसी में अनंत विभूषित संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज ’’श्री रावतवपुरा सरकार’’ के आर्शीवाद तथा उनके निर्देश जो कि प्रारव्ध से ही प्रतिभावन छात्रांे के उत्थान तथा उनके भविष्य निर्माण में बल देते है साथ ही उपाध्यक्ष श्री जे. के. उपाध्यक्ष जी के तत्वाधान में तथा संस्थान प्रबंधक श्री सत्येन्द्र जी की उपस्थिति में एस.आर.आई. प्रतिभाखोज परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कुलसचिव महोदय बुंदेलखण्ड़ विश्वविद्यालय झाँसी माननीय नारायण प्रसाद जी, विश्ष्ठि अतिथि के रूप में आई.क्यू.ए.सी. सेल समन्वयक मा. प्रो. सुनील काविया जी निदेशक, फार्मेसी विभागाध्यक्ष बुंदेलखण्ड़ विश्वविद्यालय झाँसी डा. श्री संजय जैन जी, आई.क्यू.ए.सी. सेल प्रभारी प्रो. यशोधरा जी रहें। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन तथा देवपूजन से किया गया, इसके बाद स्वागत गीत का आयोजन संस्थान में अध्ययनरत् छात्राओं द्वारा किया गया।एस.आर.आई. प्रतिभाखोज प्रतियोगिता का आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रतिभावान छात्रों जो धन के अभाव में उच्च आयाम तथा स्वयं को शिक्षित कर पाने में असमर्थ होते है। उनके भविष्य निर्माण हेतु हर प्रकार की मद्द करना तथा उन्हें पुरस्कृत करना है, संस्थान की यह परीक्षा जो कि, क्षेत्र की सबसे उत्कृष्ट प्रतियोगिता जिसमें कि प्रथम से लेकर के 65जी स्थान तक के छात्रों को सम्मानित तथा पुरस्कृत किया गया। इस परीक्षा का आयोजन दिनाँक 18.04.2021 को ऑनलाईन माध्यम से हुआ था जिसमें विद्यार्थी घर बैठकर ही इस परीक्षा में सम्मलित हो सकते थे। इस परीक्षा का परिणाम आज मंच के माध्यम से घोषित करके प्रथम रैंक प्राप्त करने वाले छात्र करन को एस.आर.आई. प्रतिभाखोज पुरस्कार से तथा 11000/-रू. की चैक देकर के माननीय कुलसचिव जी द्वारा सम्मानित किया गया, द्वितीय रैंक प्राप्त करने वाले निखिल वाथम को एस.आर.आई. प्रतिभा सम्मान तथा 7000/-की चैक देकर के माननीय कुलसचिव जी, माननीय संजय जी, सुनील काविया जी तथा यशोधरा मैडम द्वारा सम्मानित किया गया। तृतीय रैंक प्राप्त करने वाले वैभव पोरवार को एस.आर.आई. प्रतिभा सम्मान तथा 5000/- की चैक माननीय कुलसचिव जी, मा. संजय जी, मा. सुनील काविया तथा मा. यशोधरा जी ने चैक देकर सम्मानित किया साथ ही अन्य 62 प्रतिभागी जिन्होनें इस परीक्षा में स्थान प्राप्त किया उन्हें चैक तथा एस.आर.आई. प्रतिभा सम्मान तथा धनराशि से सम्मानित किया गया। इसी के साथ माननीय कुलसचिव महोदय जी ने छात्रों को सम्मानित करते हुये कहा कि, इतिहास गवाह है कि, जो लोग हार नहीं मानते वे अंततः सफलता हासिल करते हैं लेकिन अगर मैं आपको सफलता की व्याख्या करने के लिए कहूँ तो आप में से बहुत से उसे नाम, प्रसिद्धी, मान्यता, बड़ा घर, पैसा, बैंक बैलेंस आदि के रूप में कहेंगे पर मेरे हिसाब से सफलता की व्याख्या हर व्यक्ति के हिसाब ये अलग हो सकती है। परम् सफलता खुशी और संतुष्टि है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने जुनून और प्यार को पाना चाहे। समय खराब करने की बजाए अपने लक्ष्यों और सपनों के लिए मेहनत करें। आप किसी और किसी के लिए नहीं बल्कि वास्तिवक सफलता हासिल करने के लिए अपनी पहचान और क्षमता के अनुरूप कार्य करें।समझ सकता हूँ कि आपमें से बहुत से लोगों ने अभी तक अपने कैरियर के लक्ष्यों के बारे में निर्णय नहीं लिया है। आप में से कुछ आगे और पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते है, कुछ कॉपरेट जगत में शामिल हो सकते है। प्रत्येक विकल्प अपनी संभावनाओं और चुनौतियों से भरा हुआ है। आपको परिणामों की कल्पना न करके केवल अपनी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। यदि आप शुरूआत में विफल हो जाते है। तो निराश होने की बजाए कोशिश करते रहें। याद रखें कि आपकी गलतियाँ आपकों अंत में बहुत महत्वपूर्ण सबक देंगी और आपको सही रास्तें चुनने में भी मदद करेंगी।साथ ही माननीय प्रो. सुनील काविया जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, यह पावन भूमि पर संस्थान जो कि, अनंत विभूषित श्री रावतपुरा सरकार महाराज जी के आर्शीवाद से संचालित है सर्वप्रथम इस धरा को नमन तथा उन विद्यार्थियों को अनंत शुभकामनायें तथा हम यहीं चाहेगें कि संस्थान द्वारा इस प्रकार के कार्य से हमेशा ही इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहें जिससे उन छात्रों का परम् कल्याण हो सकें। जिनकी प्रतिभा को धन का अभाव उजागर नही होने देता, साथ ही उन्होनें कहा हमने बचपन में कई कहनियों के बारे में सुना है जैसे चींटी की कहानी, जो पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करती है या सावधानी और स्थिरता से जिंदगी की जंग जीती जाती है आदि। इन सभी कहानियों की सीख एक ही है कि जब तक आप सफल न हो जाए। तब तक आपको कोशिश करते रहना चाहिए और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी गति धीमी है लेकिन अगर आप स्थिर हैं तो आप निश्चित रूप से जीत सकते हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि जीवन एक दोैड़ है और आप को जीतने के लिए दूसरों को हरा देना चाहिए। इसके बजाए आपको सफल होने के बावजूद भी विनम्र रहने की कोशिश करनी चाहिए। आप लोग हमारे देश का भविष्य हैं। आपको अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि अगली पीढ़ी आपके कदमों का पालन कर सके। आज हमें उन लोगों की जरूरत है जो सफल और विचारशील हैं। आपके पास परिवर्तनों को लागू करने और हर क्षे़त्र में क्रांति लाने की क्षमता है। इसलिए ध्यान केंद्रित करें और सफलता की दिशा में अपनी यात्रा का पालन करें।साथ ही कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री संजय जैन जी ने छात्रों को शुभकामनायें प्रेषित करते हुये कहा सफलता उन्हीं को मिलती है जिनके जीवन का एक लक्ष्य होता है और वे अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होते है और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये सच्चा दृढ़ संकल्प लेते है और इसके लिये वे लगातार प्रयास करते रहते है। शुभकामनाओं तथा सम्मान के इस क्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो. यशोधरा जी ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं प्रेषित करते हुये कहा- सफलता पाने के लिये हमें पहले विश्वास करना होगा कि हम ये कर सकते है, उन्होनंे कहा हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है, सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है हमेशा एक और बार प्रयास करना। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने तथा गरिमा को शोभनीय बनाने हेतु गुरसरांय से वर्मा कोचिंग से अरविंद वर्मा जी, संदीप अग्रवाल लक्ष्मण दास इण्टर कॉलेज प्रधानाचार्या मीरा शर्मा जी, श्रीमती गणेशीबाई सोनी विज्ञान, वाणिज्य महाविद्यालय मऊरानीपुर से डा.एस.के. अग्रवाल जी, शिक्षक इण्टर कॉलेज से अशोक कुमार दोहरे प्राचार्य श्री धर्मराज यादव जी, सांई डिग्री कॉलेज से श्री शशिकांत अग्रवाल जी, भानीदेवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज से प्रधानाचार्य श्री अवध किशोर गुप्ता जी, एस.पी.आई इण्टर कॉलेज हंसारी से श्री धर्मेन्द्र वर्मा जी, रामलखन इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री रामगोपाल जी, साथ ही कोंच इण्टरनेशलन फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक पारसमणि अग्रवाल जी, जनहित दर्शन झाँसी के संस्थापक दयाशंकर कुशवाहा जी, श्री देवेन्द्र सिंह जी तथा जे.एम.के. न्यूज चैनल से रोहित कुमार जी उपस्थि रहें। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित गणों का आभार संस्थान प्रबंधक जी ने करते हुए चंद शब्दों के माध्यम से कहा संस्थान में आप लोगों की उपस्थिति से मै आंनदित हूँ अभिभूत हूँ निश्चित ही हम चाहेगें कि, आपके अपनत्व, स्नेह, प्रेम और आर्शीवाद के लिये आप सभी महानुभावों का हृदय से आभार और धन्यवाद, आशा करते है आगे भी संस्थान को आपका प्रेम, स्नेह और शुभाशीष इसी प्रकार मिलता रहे। इस कार्यक्रम में फॉर्मेसी प्राचार्य तथा स्टॉफ शिक्षा संकाय प्राचार्य तथा स्टॉफ, आई.टी.आई. प्राचार्य तथा स्टॉफ और संस्थान के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहें।