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श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इन्सटीट्यूशंस आरी में गांधी जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम का आयोजन

झांसी क्षेत्र के उत्कृष्ट शिक्षा के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित करने वाले संस्थान श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस आरी झांसी में परम श्रद्धेय अनंत विभूषित संत शिरोमणि परम पूज्य श्री रविशंकर जी महाराज “श्री रावतपुरा सरकार” की आध्यात्मिक प्रेरणा के सानिध्य में संस्थान प्रबंधक के कुशल निर्देशन एवं अध्यक्षता तथा मुख्य अतिथि इंटरनेशनल टीचर्स एसोशिएशन थाईलैंड में भारत की ओर से डाइरेक्टर आफ एजूकेशन प्रो. डा. दीप्ति सिंह जी ( गोल्ड मेडलिस्ट, शिक्षा संकाय,बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी ) की गरिमामई उपस्थति में आज गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर अत्यंत हर्ष के साथ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया,। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम मुख्य अतिथि तथा के द्वारा दीप प्रज्जवलन करके तथा देव पूजन और संस्थानिक छात्र छात्राओ के द्वारा स्तुति एवं आतिथ्य सत्कार गीत गायन करके किया गया कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुये संस्थानिक छात्र छात्राओ के द्वारा सांस्कृतिक लघु नाटक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक वेषभूषा प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में छात्र छात्राओ को संबोधित करते हुये संस्थान प्रबंधक जी ने कहा कि देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले गांधी जी महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक रहे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर कई-कई बार ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया। सत्य और अहिंसा के सिद्धांत उनकी ताकत थे।बापू के जीवन की छाप आज हमारे खान-पान, रहन-सहन, भाव विचार, भाषा शैली में साफ देखी जा सकती है। हमें गांधी जी के जीवन तथा उनके संघर्षो को सदा ही शिरोधार्य रखना होगा तथा उनके विचार जो कि अहिंसा के पक्षधर हैं उनके द्वारा स्वयं को समावेशित करना होगा । तत्पश्चात आज के कार्यक्रम में आयोजित हुये लघु नाटक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक वेशभूषा प्रतियोगिता, एवं सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता में उत्क्रमणीय प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओ को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुये एवं छात्र छात्राओ तथा समस्त स्टाफ को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रो. डा. दीप्ति सिंह जी ने कहा कि गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो,सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था। आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था हालाँकि उनके कार्य बहुत महान थे जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।भारतियों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है । कार्यक्रम में आभआर प्रदर्शन की श्रंखला में संस्थान प्रबंधक जी ने कहा मैं संस्थान की ओर से मुख्य अतिथि प्रो. डा. दीप्ति सिंह जी का धन्यवाद अदा करता हूं कि आपने अपने बहुमूल्य समय में से समय निकालकर के संस्थानिक कार्यक्रम में शामिल हुयी तथा छात्र छात्राओ को अपने ज्ञान के माध्यम से लाभान्वित किया उसके लिये मैं संस्थान की ओर से अपने अंत: करण से आभार प्रकट करता हूं, साथ ही मैं आगामी कार्यक्रम में भी चाहूंगा की इसी प्रकार आप अपने बहुमूल्य समय में से समय निकालकर के हमारें संस्थान में उपस्थित होकर के हमारे छात्र छात्राओ में नयी चेतना का संचार कर उन्हें आशीर्वादित करें । इस अवसर पर संस्थान में संचालित फार्मेसी संकाय, शिक्षा संकाय, आई.टी.आई. संकाय का स्टाफ तथा छात्र छात्रा उपस्थित रहें ।

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